विवाह के रीति रिवाज़
सगाई :
रिश्ता होने के बाद सर्वप्रथम सगाई का नेग किया जाता हैं| इसे हम गोद भराई का नेग या
फिर अंगूठी पहनाई भी कह सकते हैं| इसके लिए जो तैयारियाँ करनी हैं वो इस प्रकार हैं
:-
लड़को वालो द्वारा की जाने वाली व्यस्था
- स्थान तय करना - जहां यह रस्म की जनि है| इसके लिए निवास, किसी भवन या किसी
भी होटल में व्यस्था की जा सकती हैं |
- अथितियों की सूचि बनाना - किन - किन लोगो को बुलाना है , उनकी सूचि तैयार कर
उन्हें फ़ोन से आने का निमंत्रण देना हैं |
- मिलनी की संख्या - सगाई में महिला एवं पुरुषो की कितनी मिलनी होगी, सहा जी से
पूछ कर उतने लिफाफे बनाने है |
- चौलिया - मिठाई के अतिरिकत एक चौलिया (लाल कपडे से बंधा हुआ लाडू का डलिया)
तैयार करना |
- फोटोग्राफर एवं विडियोग्राफर की व्यस्था करना |
- तिलक के लिए नारियल एवं रुपैया | नारियल के ऊपर मोली बांधना |
सगाई में दी जाने वाले सामानो की सूचि : सगाई में देने के लिए मिठाई , फल मेवा,
हरी सब्जी, पोदीना पत्ता , लड़के को पहनाने केलिए अंगूठी, फूल माला आदि की सूचि तैयार
करना एवं उसके लिए किसी एक को जिम्मेदारी दे ताकि समय पर सभी सामान उपलब्ध रहें |
पूजा का सामान (दोनों पक्षों का एक सामान ) : पूजा के लिए चौकी थाली, पानी का
लोठा, रोली, मोली, चावल, पान पत्ता, सुपारी, दूब घास , फूल, फल , मिठाई आदि |
लड़के वालो द्वारा की जाने वाली व्यस्था : अथितियों की सूचि - जिन्हे बुलाना
हैं उनकी सूचि बना कर उन्हें फ़ोन पर आमंत्रित करे |
सगाई में दी जाने वाले सामानो की सूचि : गोद भरने के लिए मिठाई फल , मेवा, हरा
पोदीना , लड़की को पहनाने के लिए अंगूठी , फूल माला, लड़की के सोलह श्रृंगार का सामान,
साड़ी , जेवर आदि (अपनी शक्तिनुसार ) |
सगाई कार्यक्रम शुरू करने से पहले वधु पक्ष वाले लड़के की गोद भरते हैं | तत्पश्तात्
वार पक्ष वाले लड़की की गोद भरते हैं , साथ में नारियल रूपया देकर तिलक करते हैं | इसके
बाद कन्या पक्ष वाले मिलनी का कार्यक्रम करते हैं | मिलनी में सबसे पहले पितरो की ,
फिर साहजी एवं मामा पक्ष की तत्पश्तात् अन्य रिश्तेदारो की मिलनी होती हैं | महिलाओ
की मिलनी (पगा लागनी) दी जाती हैं | इसके बाद दोनों पक्ष अपने अपने पुराने सम्बन्धियों
को मिलनी देते हैं एवं अपने जमइयो का तिलक करते हैं | अंत में वर एवं वधु दोनों अपने
- अपने माताश्री के झोली में अपने - अपने गोद का सामान देते हैं एवं सभी उपस्थित बड़ो
का पैर छूकर आशीर्वाद लेते हैं|
चिकनी कोथली : यह तिलक समारोह के दिन की जाती हैं | चिकनी कोथली , जिसमे सुहाग
भाग का सामान एवं साड़िया दी जाती हैं | यह वर पक्ष के यहां से , कन्या पक्ष के यहां
जाती हैं , कहीं - कहीं कन्या पक्ष अपनी शक्तिनुसार चिकनी कोथली का नेग भिजवाते हैं
|